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Punjab पुलिस के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर सुखविंदर रंधावा ने की आत्महत्या, लंबे समय से थे डिप्रेशन में

Punjab: पंजाब पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर सुखविंदर रंधावा ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने घर पर खुद को गोली मारकर अपनी जान ली। यह घटना एक उच्च सुरक्षा वाले इलाके, एक्रुपा एवेन्यू, मजीठा रोड पर हुई। पूर्व पुलिस अधिकारी पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में थे और उनके खिलाफ कई मामले चल रहे थे, जिसमें एक जांडीअला गुरु के टोल प्लाजा पर हुए एनकाउंटर और सीबीआई जांच भी शामिल हैं।

आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है

सुखविंदर रंधावा के परिवार ने आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। घटना की जानकारी मिलने के बाद, एसीपी शिवदर्शन सिंह, पुलिस स्टेशन सदर के प्रभारी विनोद शर्मा और अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में यह जानकारी मिली है कि सुखविंदर रंधावा ने अपने माथे पर गोली मारी। फिलहाल पुलिस की फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है।

Punjab पुलिस के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर सुखविंदर रंधावा ने की आत्महत्या, लंबे समय से थे डिप्रेशन में

फोरेंसिक टीम कर रही है जांच

सुखविंदर रंधावा के पास सरकारी और निजी दोनों प्रकार के हथियार थे। पुलिस यह जांच कर रही है कि आत्महत्या के लिए उन्होंने किस पिस्तौल का इस्तेमाल किया। रंधावा के बेटे अमनदीप सिंह रंधावा फिलहाल पंजाब पुलिस के CIA स्टाफ 1 में तैनात हैं। एसीपी शिवदर्शन सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि जैसे ही उन्हें इस आत्महत्या की जानकारी मिली, वह पुलिस बल के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। फिलहाल पुलिस की फोरेंसिक टीम मामले की गहनता से जांच कर रही है।

पंजाब पुलिस ने दी परिवार को सांत्वना

एसीपी शिवदर्शन सिंह ने कहा कि सुखविंदर रंधावा एक सक्षम अधिकारी थे और उन्होंने अपने समय में कई बड़े मामले सुलझाए थे। रिटायरमेंट के बाद भी वह पंजाब पुलिस के साथ सहयोग करते रहे थे और जब भी पंजाब पुलिस के अधिकारियों को उनकी जरूरत पड़ती थी, वे उनकी मदद लेते थे। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस परिवार के साथ खड़ी है और इस मुश्किल समय में उनके साथ है।

परिवार ने दी कोई प्रतिक्रिया नहीं

सुखविंदर रंधावा के परिवार के सदस्य इस समय काफी परेशान हैं और वे अपने पिता की आत्महत्या के कारणों के बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। एसीपी ने कहा कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ चल रहे मामलों और सीबीआई जांच के कारण आत्महत्या की संभावना को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं, लेकिन यह कारण आत्महत्या के लिए नहीं हो सकता।

सीबीआई जांच और एनकाउंटर से जुड़े थे मामले

सुखविंदर रंधावा का नाम जांडीअला गुरु के टोल प्लाजा पर हुए एक एनकाउंटर से जुड़ा था, जहां कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद उनके खिलाफ सीबीआई जांच भी शुरू की गई थी। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों के कारण आत्महत्या की कोई ठोस वजह नहीं बनती। रंधावा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थे और उनके खिलाफ कई मामले चल रहे थे, जिनमें से कुछ की जांच सीबीआई कर रही थी।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी दुख व्यक्त करते हैं

पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और रंधावा के परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। पुलिस विभाग ने कहा कि सुखविंदर रंधावा ने अपने करियर में कई बड़े मामलों को सुलझाया और उनकी मदद से कई मामलों का समाधान हुआ। उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण उन्हें सम्मान प्राप्त था। हालांकि उनकी आत्महत्या ने सभी को चौंका दिया है और यह घटना पुलिस विभाग में एक गहरे शोक का कारण बनी है।

पुलिस विभाग का समर्थन जारी रहेगा

एसीपी शिवदर्शन सिंह ने बताया कि पंजाब पुलिस रंधावा के परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें इस कठिन समय में सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। पुलिस विभाग ने यह भी कहा कि यदि परिवार को कोई मदद की आवश्यकता होती है तो वे इसके लिए तत्पर हैं।

समाज में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और पुलिस कर्मचारियों के दबाव

यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती समस्या को उजागर करती है। पुलिस विभाग जैसे दबावपूर्ण वातावरण में काम करने वाले कर्मचारियों पर मानसिक दबाव अत्यधिक होता है, जो उन्हें विभिन्न मानसिक परेशानियों में डाल सकता है। सुखविंदर रंधावा की आत्महत्या इस बात का संकेत देती है कि पुलिस कर्मियों को भी मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की जरूरत है, ताकि वे अपने कार्यों को प्रभावी तरीके से निभा सकें।

पूर्व पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर सुखविंदर रंधावा की आत्महत्या ने न केवल पुलिस विभाग को झकझोर कर रखा है, बल्कि यह समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को भी रेखांकित करता है। मानसिक दबाव, नौकरी की समस्याएं और व्यक्तिगत जीवन में तनाव जैसे कारण कई बार ऐसे गंभीर परिणाम ला सकते हैं। यह घटना पुलिस कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट करती है।

पुलिस विभाग और समाज को इस दिशा में और कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और कर्मचारियों को मानसिक राहत दी जा सके।

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